चेत सके तो चेत नहीं फिर चेत कभी ना पायेगा

धधक रहा कश्मीर भारती का मस्तक जलता है
सीमा के उस पार निरंतर ही कुचक्र पलता है
साहस है,बल है,कौशल है,किंतु सहन करते हैं
लेकिन ,इसका अर्थ नहीं यह हम तुमसे डरते हैं
चाहें तो दो दिन में ही हम पाक जीत सकते हैं
हम शोणित की नदी धरा पर अभी खींच सकते हैं
किंतु रक्त की नदी कभी क्या द्वेष धुला पायेगी
क्या हिंसा की आग मनुजता को ही नहीं खा जायेगी
और मनुजता के बदले  में जय लेकर के क्या होगा?
ऐेसा करने से पुनः क्या नही महाभारत होगा?
एक महाभारत ने भारत की संस्कृति को नष्ट किया
मानव मूल्यों की हत्या की और मनुज़ को भ्रष्ट किया
भीष्म सरीखे योद्धाओं पर भी छिपकर ही बार हुआ
अभिमन्यु सी प्रतिभाओं का छल-बल से संहार हुआ
अतः युद्ध से पहले हम सौ बार तु्म्हें समझायेंगे
स्वयं कृष्ण भी शांति दूत बन द्वार तुम्हारे जायेंगे
इस पर भी तुमने यदि अपने बंद नहीं षडयंत्र किये
कुटिल कुचक्रों के तुमने यदि बंद नहीं ये यंत्र किये
तो मुरली की तान नहीं फिर पांचजन्य बोलेगा
गांडीव की टंकारों से---------- भूमंडल डोलेगा
लाहौर से पेशावर तक लाशें ही बिछ    जायेंगी
कितनी ही निर्दोष स्त्रियां फिर विधवा हो जायेंगी
होगे तुम यदि नष्ट-भ्रष्ट तो हमें भी कुछ खोना होगा
मानव -मूल्यों की मृत्यु पर हमें भी मतो रोना होगा
इसीलिये कहता हूं ,       अब ये काले धंधे बंद करो
सांप के बच्चों को दूध पिलाना ,आंख के अंधे बंद करो
अरे मूर्ख तेरे ये विषधर तुझको ही डस जायेंगे
पाक तेरे चप्पे-चप्पे में आतंकी बस जायेंगे
अमृतसर तू पा न सकेगा,ननकाना भी  खो देगा
विषम घृणा के बीज स्वयं अपनी ज़मीन पर बो देगा
शिया और सुन्नी के नाम पे  हिंसा का नर्तन होगा
इतिहास दीनता का होगा ,भूगोल में परिवर्तन होगा
हम तो अग्रज हैं ,अग्रज का धर्म निभाये जाते हैं
आने वाले समय की गाथा अभी बताये जाते हैं
चेत सके तो चेत नहीं फिर चेत कभी ना पायेगा
घृणा दीनता से जन्मा तू घृणा में ही जल जायेगा
यह कोरी धमकी नहीं वरन इसमें भूषण की वाणी है
इसमें प्रताप का भाला है औ साथ में मां कल्याणी है
यह है ब्रह्मा का अमिट वाक्य जो झूठ नहीं होता है
अरे मूढ अब जाग किसलिये तू भ्रम में खोता है
सौंप हमें कश्मीर अधिकृत और शांति का बिगुल बजा
हथियारों की होड बंद करके विकास का यान सजा
तू तो हमारा ही हिस्सा है,अतः सहन करते हैं
लेकिन इसका अर्थ नहीं हम तुमसे डरते हैं
चाहें तो दो दिन में ही हैं हम पाक जीत सकते हैं
       arvind61972@gmail.com
        9910416496

टिप्पणियाँ

Madan Mohan Saxena ने कहा…
आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है बस लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये

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