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उन्हें भय सता रहा है कि हिंदी की बात करने पर कहीम वे बंवई के कवि सम्मेलनों से वंचित ना हो जायें।कहीं

सचमुच बहुत आहत महसूस कर रहा हूं ।लग रहा हे जेसे किसी ने सरे बाजार मेरे ही गाल पर चांटा मार दिया हो।मातृभाषा के नाम पर इस्लाम जैसा कट्टर धर्म बौना साबित होता है और बांग्लादेश बन जाता है।बिहार के गांव मे जाति और धर्म के नाम पर एक दूसरे का खून तक कर देने को आमादा व्यक्ति दिल्ली आकर सगे भाई से बढकर हो जाता है फिर क्या वजह है कि जब हिंदी मे शपथ लेने पर इतना बडा हमगामा हो गया हो और हमारे तथाकथित इटलेक्चुअल्स कानों मे तेल डाले बैठे हैं।शायद उन्हें भय सता रहा है कि हिंदी की बात करने पर कहीम वे बंवई के कवि सम्मेलनों से वंचित ना हो जायें।कहीं किसी मे विदुषक का रोल उनसे ना छिन ना जाये।राजनीति कि मजबूरी तो समझ मे आती है पर हमारी हिंदी अकादमी,साहित्य अकादमी तमाम हिंदी संस्थानो के कर्ता धर्ता क्या राजठाकरे से अपनी मां की जय करवा चुके हैं।गाजियाबाद में एक स्वाभिमान कवि सम्मेलन हो रहा है जिसका संचालन वही प्रवीण शुक्ल कर रहे हैं जो पिछले दिनों वसुंधरा मे एक फ्राड पत्रकार और राजनेता रूपचौधरी के चरणों मे पडे हुए थे इन महाशय और इनके गैंग के किसी सदस्य ने भी राष्ठृभाषा के अपमान पर एक वकतव्य तक देने की जरूर
बडे बुजुर्ग बताते हैं कि पुराने जमाने में तो शादी ब्याह तिलक सगाई यानी आदमी का भविष्य,इहलोक और परलोक सब कुछ नाई यानी हज्जाम के हाथ मे होता था।कुछ विद्वान बताते हैं कि एक नाई ने तो नकटा पंथ नाम से एक लोकप्रिय पंथ भी चलाया था।यह तो आप जानते ही हैं कि इस पंथ के अनुयायी हर जाति, धर्म ,प्रांत मे पाये जाते हैं।दरअसल ये लोग थोडे पुरातनपंथी होते हैं।वरना आज के धार्मिक लोग इतने शर्मदार कब से हो गये कि झूठे ही सही भगवान के अस्तित्व को मान लें ये तो खुदको ही भगवान मानते हैं।वेसे भी सारी मर्यादा,शर्म आदि असमर्थों के लिए होती है।संसद और विधानसभाओं मे बैठने वाले समर्थ लोगो के लिए थोडे ही।अब हिंदी मराठी के नाम पर थप्पड चले या जूते क्या बिगडना है, राज ठाकरों का।होसकता अगली बार सी एम ही बन जाये।वैसे भी हिंदी वालों के साथ ऐसा होना ही चाहिए हिंदी का कवि लेखक जितना लिजलिजा है आडंबरी है वैसे मे हिंदी मे शपथ लेने वाले को तो गोली मार दी जानी चाहिए थी।साहित्य के नाम पर अश्लिलता,कविता के नाम घटिया तुकबंदी जिस भाषा मे करने वालो पुरस्कार और मोटे लिफाफे मिलते हो उस भाषा मे शपथ लेने का अपराध करने वाले के लिए न्युन