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bharatpur kavi sammelan

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कार्यक्रम के बारे में मधुर जी ने बता ही दिया।'अपना घर' के बारे में तसल्ली से लिखूंगा ।अभी तो कार्क्रम की कुछ झलकियां सौंप रहा हूं।

सृजन पथ: शहीदे आज़म भगतसिंह की जयंती

सृजन पथ: शहीदे आज़म भगतसिंह की जयंती : शहीदे आज़म भगतसिंह की जयंती क्या कोई मामूली घटना है पर हर तरफ सन्नाटा।याद करिये भगतसिंह के बलिदान को ।भगतसिंह से पहले भी तमाम बलिदान हुये ...

उनींदी याद के झरोखों से तू मुझे आज भी सताती है

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तू मेरे पास ज्यों ही आती है ज़िंदगी हंसती मुसकुराती है सुन के मेरी दास्तान-ए-दिल वक्त की आंख छलक आती है वक्त लाता है ऐसे मोडो पर ज़िंदगी सहम-सहम जाती है उनींदी याद के झरोखों से तू मुझे आज भी सताती है घुप अंधेरे में रोशनी भर दें हूं दीया, तू मेरी बाती है खत्म हो चुकीं रात की बातें तू तो नाहक ही अब लजाती है बहते पानी सा ' पथिक ' रहता  है वह न आता है याद आती है

सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति ने मासिक गोष्ठी का आयोजन

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बाये से दये -पी यन  सिंह ,अरविन्द पथिक ,रजनीकांत राजू  कवि राहुल उपाध्याय  पंडित सुरेश नीरव एवं डॉ  मधु चतुर्वेदी  कृषण कान्त मधुर  डॉ मधुचतुर्वेदी  पंडित सुरेश नीरव  स्नेहलता  बाये से दाये --पंडित सुरेश नीरव ,डॉ मधु चतुर्वेदी  एवं गजेसिंह त्यागी  कल दिनांक 8/9/12 को सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति ने मासिक गोष्ठी का आयोजन राष्ट्रिय उपाध्यक्ष श्री रजनीकांत राजू के आवास पर किया .इस कार्यक्रम में जिन कवियों ने काव्यपाठ किया उनमे पियन सिंह,राहुल उपाध्याय,कृ ष्ण कान्त मधुर ,स्नेहलता ,मधु चतुर्वेदी ,भगवान सिंह हंस ,रजनीकांत राजू , गजेसिघ  त्यागी तथा मैं अरविन्द पथिक स्वयम भी शामिल था ,गोष्ठी अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष पंडित सुरेश नीरव तथा संचालन डा  म्धुचतुर्वेदी  ने किया .देर रत चले इस कार्यक्रम के अंत में आभार ज्ञापन दयावती ने किया .