-------आज़ाद हिंद फौज़ का गठन
गुजरात में पालमपुर रियासत के नाथालाल पारिख फारवर्ड ब्लाक के खजांची थे।पालमपुर में नेताजी से बात करने के लिये गुप्त वायरलेस सेट लगाया गया था।फारवर्ड ब्लाक के नेता शीलभद्र याजी से इस वायरलेस द्वारा नेताजी ने नवंबर १९४३ में बात की ।याजी को सिंगापुर बुलाया गया।उडीसा की चिल्का झील और समुद्र टत के बीच पनडुब्बी पहुंची।साढे सात दिन में याजी ज़ापानी पनडुब्बी से सिंगापुर पहुंचे।वहां उनकी नेताज़ी से ढाई घंटे बात हुई।नेताजी ने विस्तार से भारत की परिस्थितियों की जानकारी ली।याज़ी उसी पनडुब्बी में बैठकर भारत वापस आ गये।बंबई में उन्होने भूमिगत लोगों की बैठक बुलायी।याज़ी ने डा०राममनोहर लोहिया , साने गुरूजी , मुकुंदीलाल आदि के सामने एक विस्तृत योजना प्रस्तुत की ।इस पर लोहिया ने कहा कि मैं सुभाष की मदद नहीं करूंगा।बल्कि उनसे लडूंगा।सुभाष की मदद करने से पावर फारवर्ड ब्लाक के हाथ में चला जायेगा।इस पर शीलभद्र याजी ने कहा कि आज़ादी देश की होगी व्यक्तिगत नहीं।