बङे ही जतन से गढी शब्द माला
मित्रों अरसे बाद आपसे मुखातिब हो पा रहा अभी सुप्रसिद्द बाल साहित्यकार डा नागेश पांडे संजय का गीत संग्रह तुम्हारे लिए पिछले दिनो प्रकाशित हुआ ।एक गीत इस संग्रह से प्रस्तुत है---- ह्रदय की नगरिया तुम्हारे लिए है यहां तुम रहो जी निःसंकोच होकर यहा की सुप्यारि दुलारी तुम्ही हो वरो जो भी चाहो, करो जो भी चाहो समझ लो कि सर्वाधिकारि तुम्ही हो नही कुछ कहुंगा ,सभी कुछ सहूंगा कि जीवन डगरिया तुम्हारे लिए है बङे ही जतन से गढी शब्द माला अगर ठीक समझो तो गलहार कह लो पहन लो इसे तो अहोभाग्य होगा किसी सिरफिरे का इसे प्यार कह लो कदाचित तुम्हे तृप्ति का सौख्य दे दे, सृजन की गगरिया तुम्हारे लिए है