प्रीति का गीत प्रिय यह नवल वर्ष हो


ज़िदगी में सदा हर्ष ही हर्ष हो 
प्रेम करूणा दया का ही उत्कर्ष हो
संभावनायें खुलें भावनायें खिलें -
प्रीति का गीत प्रिय यह नवल वर्ष हो

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