नंबर डायल किये और फिर फोन रख दिया

नंबर डायल किये और फिर फोन रख दिया
जाने कैसा- कैसा होने लगा जिया ?
जाने कौन उठाये और क्या बात करे ?
या रांग काल कह कटुता वाले भाव धरे
पृत्यंचा को चढा पुनःफिर धनुष धर दिया,
नंबर डायल किये और फिर फोन रख दिया
सबके मन की करते-करते खुद को भूल गये
दायित्वों की शूली पर हम हंसकर झूल गये
जब तक नही पडाव आ गया हमने दम ना लिया
अरविन्द पथिक

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