बी डी अग्नि की एक लघु रचना पेश है---
परसनेलिटी पिरिन्स की
पर पाकेट से रीते हैं
चाय की खोली पर
घंटे भर अखबार पढने के बाद
जब बिना चाय पिए ही चले आते हैं
तो दुकानदार झल्ला कर कहता है
निकम्मे मर भी नही जाते
जाने क्यों जीते हैं
परसनेलिटी पिरिन्स की
पर पाकेट से रीते हैं
परसनेलिटी पिरिन्स की
पर पाकेट से रीते हैं
चाय की खोली पर
घंटे भर अखबार पढने के बाद
जब बिना चाय पिए ही चले आते हैं
तो दुकानदार झल्ला कर कहता है
निकम्मे मर भी नही जाते
जाने क्यों जीते हैं
परसनेलिटी पिरिन्स की
पर पाकेट से रीते हैं
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