अभिव्यक्ति
मित्रों चूंकि कविता ही मेरी अभिव्यक्ति का स्वाभाविक माध्यम है अतः देश से अपनी बात को कुछ पंक्तियों के माध्यम से रख रहा हूं ।यदि आपको ऐसा लगे कि जो कुछ मै कह रहा हूं वही आप भी कहना चाहते हैं तो बतायें अवश्य----------
लालकिला संसद स्वाभिमान पर हमले को
अपमानित करने वाले हर एक ज़ुमले को
सह लेते हैं चुपचाप विवशता क्या है?
इन बमों ,आयुधों ,अस्त्रों की आवश्यकता क्या है?
भरे हैं शस्त्रागार,देश अपमानित है?
भारत का साहस-शौर्य हुआ क्यों शापित है?
अरविंद पथिक
लालकिला संसद स्वाभिमान पर हमले को
अपमानित करने वाले हर एक ज़ुमले को
सह लेते हैं चुपचाप विवशता क्या है?
इन बमों ,आयुधों ,अस्त्रों की आवश्यकता क्या है?
भरे हैं शस्त्रागार,देश अपमानित है?
भारत का साहस-शौर्य हुआ क्यों शापित है?
अरविंद पथिक
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