पुरूष स्वर ---- जब सारे देश की सैनिक छावनियों से चर्बी वाले कारतूसों के प्रयोग न करने की खबरें आ रहीं थीं। सूबेदार भोला उपाध्याय ने अपनी छावनी में कैसा बढिया नाटक रचाया।आइये उनकी और कैप्टन सलकट की बातचीत सुने----

(संगीत द्वारा परेड का वातावरण---- फौजी बैंड की धुन।परेड के लिए सिपाहियों के आने की आवाज़।कदमों-बूटों की आवाज़)

भोला उपाध्याय (पुरूष स्वर) –

सर ,मैं सिपाही भोला उपाध्याय कुछ अर्ज़ करना चाहता हूं।

 कैप्टन सलकट(पुरूष स्वर)---

टुम क्या कहना चाहटा है,भोला उपाध्याय।ऐनीथिंग सीरियस?क्या टुम चर्बी वाला कारटूस यूज़ नही करेगा?

भोला उपाध्याय (पुरूष स्वर)—

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