ज़रा याद करो कुर्बानी----आज़ाद हिंद फौज़ का गठन

भावभूषण मित्र उर्फ स्वामी सत्यानंद पुरी

जापानियों ने १६ फरवरी १९४२ को सिंगापुर पर कब्ज़ा कर लिया।उसी दिन शाम को सिंगापुर के फारेट पार्क में४५ हज़ार भारतीय सैनिकों को लेफ्टिनेंट कर्नल हंट ने युद्धबंदी के रूप में ज़ापान सरकार को सौंप दिया।जापान ने इन्हें जनरल मोहनसिंह को सौंपने की घोषणा की तो भारतीय सैनिक खुशी से नाचने लगे।१९४२ के प्रथम सप्ताह में टोकियों मे प्रमुख भारतीयों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया।इससे पूर्व सिंगापुर में हुई मीटिंग में मोहनसिंह,स्वामी सत्यानंद पुरी और बाबा अमरसिंह जो बैंकाक से आये थे शामिल हुए।
दो विमानों भरकर प्रवासी भारतीयों का प्रतिनिधिमंडल टोकियो रवाना हुआ ।जिस विमान में प्रीतमसिंह।स्वामी सत्यानंदपुरी,नीलकंठ अय्यर मुहम्मद अकरम शामिल थे।,वह ज़ापान के पर्वतीय क्षेत्र मे दुर्घटनाग्रस्त हो गया।२४ मार्च १९४२ को वे महान देशभक्त असमय काल-कवलित हो गये और इस कृतघ्न भारत देश ने उन्हे कभी याद करने की आवश्यकता तक नहीं समझी।भावभूषण
मित्र

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