----आज़ाद हिंद फौज़ का गठन
रासबिहारी बोस
इंडियन इंडिपेंडेंस लीग का पहला अध्यक्ष रासबिहारी बोस को चुना गया।जनरल मोहनसिंह इंडियन नेशनल आर्मी के सुप्रीम कमांडर नियुक्त किये गये।ज़नरल मोहनसिंह को ज़र्मन राजदूत ने एक दिन खाने अपने घर पर बुलाया।ज़ापान ने इसे पसंद नहीं किया।ज़ापानी जनरलों ने मोहनसिंह को विश्वास में लेकर कहा कि ज़ापान ब्रिटन की अपेक्षा ज़र्मनी को प्रथम शत्रु समझता है।आंग्ल -अमेरिकी शक्तियां शीघ्र समाप्त हो जायेंगी अंततः जापान और ज़र्मनी में संघर्ष होगा।
ज़नरल मोहनसिंह ने जापानियों से बैंकाक सम्मेलन के प्रस्तावों को मानने का अनुरोध कियापर ज़ापानियों ने इसे स्वीकार नहीं किया।ज़नरल मोहनसिंह ने लिखा--"ज़ापानियों ने इस मामले में रासबिहारी बोस को अपने साथ कर लिया।ज़ापानियों ने जो उत्तर भेजा था उसे रासबिहारी बोस ने अन्यों को नहीं दिखाया।रासबिहारी बोस ज़ापानियों के प्रति अधिक निष्ठावान रहे।"
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