अरविंद पथिक: शांति दूत

अरविंद पथिक: शांति दूत: तेरे कर्मो के कुछ छींटे हम पर भी पडेंगे ही मज़हबी ज़ुनूं में अंधे यहां पर भी लडेंगे ही ये दौर-ए-एटम है कुछ भी बच ना पायेगा नस्लें खत्म ...

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