आज शहीद दिवस है

आज शहीद दिवस है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बलिदान दिवस।गांधीजी के अवदान को लेकर तमाम बातें की जा सकती हैं पर शांति ,अहिंसा और प्रेम का विरोध कौन कर सकता है।महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुये यही कहना चाहता हूंगांधीजी के आंदोलन का देश की आज़ादी में महत्वपूर्ण स्थान है पर आज़ादी के लिये तमाम कारक थे उनमें से एक नौसेना में विद्रोह जोकि सुभाष के क्रांतिकारी प्रयासों का परिणाम था।भाई इतिहास का थोडा निरपेक्ष रहकर अध्ययन करें तो पायेंगे कि आज़ादी का संघर्ष १८५७ से शूरू होकर फिर थमा नहीं प्रथम लाहौर षडयंत्र केस,काकोरी केस-एच आर ए का योगदान,भगतसिंह एवं साथियों का बलिदान -एच एस आर ए का योगदान ,१९४२ का छात्रों द्वारा चलाया गया आंदोलन और फिर अंतिम कील नेताजी सुभाष के संघर्ष से प्रेरित नौसेनिक विद्रोह आज़ादी प्रदान करने की दिशा मे महत्वपूर्ण कदम रहे।गांधीजी की हैसियत पर सवाल उठाने की हैसियत पाने में हमे कई जन्म लगेंगे पर इतिहास के प्रति द्रष्टि एकांगी नहीं होनी चाहिये।

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