कल दिनांक ११ फरवरी को जीवन के ४० बसंत पूरे करने के उपलक्ष में मैने एक काव्यसंध्या का आयोजन किया था
जिसमें मेरे आत्मीय मित्रों ने पधार कर कृतार्थ किया।मैं उन सभी का ह्रदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं।पेश हैं उन अंतरंग काव्यात्मक पलों की कुछ झलकियां---

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