मैं बंदा हिंद वालों का हूं,हिंदोस्तां मेरा
यही पाओगे महशर में ज़बां मेरी,बयां मेरा
मैं बंदा हिंद वालों का हूं,हिंदोस्तां
मेरा
मै हिंदी,ठेठ हिंदी,जात हिंदी
हूं
यही मज़हव ,यही फिरका,यही खानदां
मेरा
मैं इस उजडे हुये भारत का एक ज़र्रा हूं
यही बस इक पता मेरा,यही नामो-निशां मेरा
कदम लूं चूम मादरे-भारत तेरे,मैं
बैठते-उठते
कहां किस्मत मेरी ऐसी?नसीबा यह कहां मेरा?
तेरी खिदमत में अय भारत,यह सिर जाय,यह
जां जाय
तो समझूंगा,यह मरना हयाते जादवां मेरा
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