'सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति' का वार्षिक अधिवेशन एवं पं० दामोदरदास चतुर्वेदी स्मृति सम्मान - २०१२ 'संपन्न
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जून शनिवार ,भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के आज़ाद भवन स्थित 'सभागार में
सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति ' ने अपने राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोज
किया।कार्यक्रम का प्रथम सत्र अपराह्न ३ बजे प्रारंभ हुआ।किशोर श्रीवास्तव की
कार्टून प्रदर्शनी के अनावरण के साथ इस सत्र का शुभारंभ हुआ।तत्पश्चात विभिन्न
प्रांतों से आये प्रतिनिधियों का संस्था
के अध्यक्ष पं० सुरेश नीरव ने माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया ।परिचय के पश्चात
संस्था की गतिविधियों और भावी योजनाओं के बारे में सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति की महासचिव
डा० मधुचतुर्वेदी ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
इसके पश्चात विभिन्न प्रांतों से
आये प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रस्तुत किये और देश की समस्त भाषाओं के
विकास पर बल देते हुये अनुवाद की
प्रक्रिया को गति देने का प्रस्ताव पारित किया गया।राष्ट्र की एकता और अखंडता को
भाषाओं के माध्यम से मज़बूत करने के लिये हर संभव प्रयास करने का प्रस्ताव पारित
किया गया। तत्पश्चात अध्यक्ष पं० सुरेश नीरव ने अपने उद्बोधन में संस्था के समक्ष
चुनौतियों और भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर संस्था के मुखपत्र 'समन्वय'
का
वितरण भी किया गया।इस सत्र का संचालन संस्था के सचिव अरविंद पथिक ने किया।
द्वितीय सत्र का प्रारंभ सायं ६
बजे दादा चतुर्वेदी के चित्र पर माल्यार्पण से एवं दीप प्रज्जवलन से हुआ।इस सत्र
काउद्घाटन श्री सत्यव्रत चतुर्वेदी सांसद(राज्य सभा) ने किया तथा मुख्य अतिथि
दि्ल्ली विधान सभा के अध्यक्ष डा० योगानंद शास्त्री थे।अतिथियों के माल्यार्पण और
स्वागत के पश्चात पं० सुरेश नीरव ने बीज वक्तव्य के माध्यम से कार्यक्रम का स्वरूप
अतिथियों के समक्ष रखा।राष्ट्रीय सैनिक संस्था के अध्यक्ष कर्नल तेजेंद्र पाल सिंह
त्यागी ने अपने ओजस्वी उद्बोधन से राष्ट्रीयता के भावों का संचार किया।इस अवसर पर
आयोजित कवि सम्मेलन के संचालन के लिये अब तक कार्यक्रम का संचालन कर रहे अरविंद
पथिक ने डा० रिचा सूद को आमंत्रित किया जिन्होने अपने दिलकश अंदाज़ और खूबसूरत
व्यक्तित्व से कार्यक्रम को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
कवि सम्मेलन का प्रारंभ किशोर
श्रीवास्तव के भाईचारा गीत से हुआ।काज़ी तनवीर,प्रकाश प्रलय,डा०प्रेमलता
'नीलम',भगवान
सिंह 'हंस',नीरज नैथानी के काव्यपाठ के पश्चात डा०
रिचा सूद ने संचालन का दायित्व पुनः अरविंद पथिक को सौंप दिया।कवि सम्मेलन के
द्वितीय चरण मे बी०एल० गौड ,राजकुमार
सचान होरी,डा० कुंअर बेचैन,अरूण सागर, राजमणि,डा०
रिचा सूद,कुंवर ज़ावेद,श्यामल मजूमदार,जयकुमार
रूसवा डा० मधु चतुर्वेदी,पं० सुरेश नीरव तथा अरविंद पथिक ने भी
संक्षिप्त किंतु सारगर्भित काव्यपाठ किया।
कवि सम्मेलन के पश्चात सांसद
सत्यव्रत चतुर्वेदी एवं दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष डा० योगानंद शास्त्री ने भाषाओं
के माध्यम से देश को जोडने पर बल दिया।
इसके बाद अलंकरण समारोह में
विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट विभूतियों को 'दामोदर दास
चतुर्वेदी अलंकरण २०१२'से अलंकृत किया गया।अलंकृत विभूतियों
में गौड टाइम्स के संपादक के बी०एल०गौड,
शिक्षाविद्
सुभाष जैन, साहित्यकार राजकुमार सचान होरी, अध्यात्म
गुरु प्रशांत योगी, प्रख्यात चिकित्सक डा० प्रदीप चतुर्वेदी,चौथी दुनिया
के संपादक प्रवीण चौहान,हरियाणा सरकार के सूचना-जनसंपर्क एवं
सांस्कृतिक कार्यविभाग के उपनिदेशक अशोक शर्मा,आकाशवाणी की
राष्ट्रीय प्रसारण सेवा तथा दिल्ली केंद्र के निदेशक डा० लक्ष्मी शंकर वाजपेयी,पी-७ चैनल के वरिष्ठ अधिकारी शरददत्त,प्रख्यात
बुज़ुर्ग शायर रिंद सागरी,डा० जया बंसल,सुविख्यात
गीतकार कुंवर जावेद,साहित्य अकादमी के उपसचिव ब्रजेंद्र त्रिपाठी,प्रख्यात
अभिनेता विजय आईदासानी,शिक्षाविद् डा० रिचा सूद,युवा
गीतकार अरूण सागर,राजनीतिक विश्लेषक पीयूष त्रिपाठी,शायर लक्ष्मण
शर्मा 'वाहिद',शिष्ट व्यंग्य कवि श्यामल मज़ूमदार और
मंच के लोकप्रिय कवि जय कुमार रूसवा शामिल थे।
कार्यक्रम के अंत में आभार
ज्ञापन संस्था के उपाध्यक्ष रजनीकांत राजू ने व्यक्त किया ।राष्ट्र गान के साथ
कार्य क्रम संपन्न हुआ।
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