शहर शाहजहांपुर 'अयोध्या' ना बनेगा मान्यवर


नफरतों का सिलसिला कब तक चलेगा मान्यवर ?
व्यर्थ का शिकवा -गिला कब तक चलेगा मान्यवर ?

किस पयम्बर ने कहा है अब बता ही दीजिये ?
ज़ुल्मों-दहशत का किला कब तक चलेगा मान्यवर 


 'राम' 'अशफाक' दोनो साथ रहते आये हैं
शहर शाहजहांपुर 'अयोध्या' ना बनेगा मान्यवर

हर मुसलमां को दहशतगर्द कहना छोड दो
गद्दार तो हिंदू के घर में भी मिलेगा मान्यवर

अफज़लों को अपना कहकर कौम को गाली न दो
ये तिरंगा आपके घर कब लगेगा मान्यवर  ?


बस्तियां हिंदोस्तां मेंआज भी ऐसी हैं कुछ
देश का झंडा जहां फिर से जलेगा मान्यवर

है अंधेरा बहुत पर इतना अंधेरा भी नहीं
बहुत ज़ल्दी ये कुहासा भी हटेगा मान्यवर

'पथिक' को झंडे के नीचे लाने की ज़िद छोडिये
वह अकेला ही चला है औ चलेगा मान्यवर

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